उन नौ दिनों में सब भूल के माँ सबको देती एक समान आशीर्वाद और फल। उन नौ दिनों में सब भूल के माँ सबको देती एक समान आशीर्वाद और फल।
मनवांछित फल पावै, मैया जी को खूवै मनावें। मनवांछित फल पावै, मैया जी को खूवै मनावें।
क्यों सोच नहीं सही हो सकता है काश यह नवरात्रि रोज आए माँ, काश यह नवरात्रि रोज आए माँ। क्यों सोच नहीं सही हो सकता है काश यह नवरात्रि रोज आए माँ, काश यह नवरात्रि रोज...
करता रहा गर यूं मनमानी, अस्तित्व होगा फिर संकट में, स्वार्थ और अहम में आकर, करता रहा गर यूं मनमानी, अस्तित्व होगा फिर संकट में, स्वार्थ और अहम में आकर...
जो त्योहारों पर भी जाने नहीं देते, ऐसे देश के गद्दारों को। जो त्योहारों पर भी जाने नहीं देते, ऐसे देश के गद्दारों को।
अकेली मैं अकेले तुम दोनों साथ हो तो प्यार का मौसम आ जाएगा। अकेली मैं अकेले तुम दोनों साथ हो तो प्यार का मौसम आ जाएगा।